
सबसे बड़ा धोखा बाहर से नहीं, भीतर से आता है। आरव को सच्चाई जानकर एहसास होता है कि छाया कभी पूरी तरह मिटती नहीं।”कहानी को भावनाओं और सस्पेंस के चरम पर ले जाता है। राजधानी में लगातार होने वाली घटनाओं और अफवाहों ने आरव को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि कहीं दुश्मन बाहर नहीं, बल्कि भीतर तो नहीं छिपा है। गुप्त सुरंग में मिली गुमनाम चिट्ठी से उसे सच का सामना करना पड़ता है। और वह सच उसके दिल को चीर देता है—उसका अपना मार्गदर्शक, पिता समान साथी और युद्ध का नायक जनरल वीरकांत ही असली गद्दार निकलता है। वीरकांत ने सत्ता और शक्ति की भूख में छाया दल से हाथ मिला लिया था। उसकी नज़र में देश नहीं, केवल ताक़त मायने रखती थी। आरव के लिए यह न केवल एक युद्ध था, बल्कि भावनाओं की सबसे बड़ी परीक्षा भी थी। सुरंग में
Disclaimer: This show may contain expletives, strong language, and mature content for adult listeners, including sexually explicit content and themes of violence. This is a work of fiction and any resemblance to real persons, businesses, places or events is coincidental. This show is not intended to offend or defame any individual, entity, caste, community, race, religion or to denigrate any institution or person, living or dead. Listener's discretion is advised.Less