
Ek Rahasyamay Yuvak
अनया, एक जिज्ञासु लेखिका, अपने अगले उपन्यास के लिए एक रहस्यमयी और सुनसान हवेली में जाती है, जो वर्षों से वीरान पड़ी है। कहते हैं, उस हवेली में किसी समय एक दर्दभरी प्रेम कहानी अधूरी रह गई थी… और आज भी वहाँ छायाएँ चलती हैं, दीवारें फुसफुसाती हैं, और हर कोना किसी अनकहे राज़ से भरा हुआ है। वहीं उसकी मुलाकात होती है आरव से — एक रहस्यमय युवक, जो उस हवेली में अकेला रह रहा है। बारिश की एक रात, जब अनया भीगते हुए हवेली में लौटती है और आरव उसे सहारा देता है, उनके बीच कुछ अनकहा सा जन्म लेने लगता है। भीगे कपड़े, धड़कनों की तेज़ी, और डर के साथ उभरता आकर्षण — दोनों के बीच एक धीरे-धीरे पनपता रोमांस। लेकिन उसी के साथ शुरू होती है अजीब घटनाएँ — चलती परछाइयाँ, अचानक गायब होते कदमों की आवाज़ें, और हवेली के अंदर एक अदृश्य तीसरी उपस्थिति। वह परछाई सिर्फ डराने नहीं आई — उसका अतीत, उसकी अधूरी मोहब्बत, और उसका रहस्य… सब कुछ आरव और अनया की किस्मत को बदलने वाला है। क्या ये प्रेम फिर से अधूरा रह जाएगा? या भूतिया हवेली में एक बार फिर मोहब्बत को मुक्ति मिलेगी? ---
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